Monday, 18 September 2017

महान यौद्धा रघुवंशी विजयराव बालियान और गोगरमल जाट

इन वीरों ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा था नालन्दा जलाने वाले खिलजी को।



खाप बालान के गांव भाजू और भनेड़ा के बीच के जंगल की सभा - संवत् 1251 (सन् 1194 ई०) ज्येष्ठ सुदि तीज को भनेड़ा और भाजू के बीच के जंगल में सर्वखाप

पंचायत की एक विशाल सभा हुई। इस में सभी जातियों के लोगों ने भाग लिया जिनमें 30,000 लोग थे जिसमे 15,000 मल्ल (पहलवान) योद्धा शामिल थे। इस सभा में अधिक संख्या जाटों की थी। 

इस सभा का अध्यक्ष चौ० विजयराव जाट जो बालान खाप के गांव सिसौली का निवासी था, को चुना गया। इस समय मल्ल योद्धा सेना का प्रधान सेनापति गोगरमल जाट को बनाया गया।
ये दोनों ही बहुत ही वीर यौद्धा और रणनेता थे।

अध्यक्ष ने जोरदार भाषण दिया उसकी कुछ पंक्तियां इस प्रकार है-

 “भारत माता के वीर योद्धाओ, अपने देश और हिन्दू धर्म की रक्षा तथा शत्रु को तलवार के घाट उतारना ही हमारा परम धर्म है। उसके लिए तैयार रहो। इस संकट के समय जनता और सैनिकों को उच्च चरित्र रखना पड़ेगा। मद्यपान से बचना पड़ेगा। सब जाति के लोगों को एक भाई बनकर रहना है। मुसलमान सेना के विरुद्ध लड़ने के लिए तैयार रहो।”

इस सभा में सर्वसम्मति से निम्नलिखित प्रस्ताव पास किए गये -

1.अपने देश, जनता तथा हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए मर मिटो।
2. गौरी जैसे अधर्मियों के अगले आक्रमण तथा उसकी लूटमार के बचावों के लिए सभी खापों से 60,000 से 100,000 तक वीरों की सेना तैयार करो।
3.चारों ओर फैली हुई बदअमनी के लिए शान्ति का वातावरण बनाओ और सब खापों में आपसी मिलाप एवं एकता करो।
4.विवाह-शादी के समय बारात के साथ हथियारबन्द रक्षक जत्थे जाने का प्रबन्ध किया जाये।

#कुतुबुद्दीन ऐबक को जासूसों द्वारा इस पंचायती कार्य का पता लग गया। उसने बख्तियार खिलजी (यह गौरी का एक गुलाम था जो खिलजी गोत्र का था) को 35,000 मुस्लिम सेना देकर सर्वखाप पंचायत पर आक्रमण करने के लिए भेजा। 

सर्वखाप पंचायत को भी यह सूचना मिल गई। पंचायती सेना चार भागों में बंट गई। जब बख्तियार की सेना वहां पहुंची तो पंचायती सेना मुस्लिम सेना पर चारों ओर से टूट पड़ी। ढ़ाई घण्टे तक घोर युद्ध हुआ। 

इस युद्ध में बख्तियार का सेनापति तथा 18,000 सैनिक मारे गये।विजयराव बालान और गोगरमल जाट अपने यौद्धाओं के साथ वीरता से लडे और दुश्मनों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा।

पंचायती सेना के केवल 800 मल्ल योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए। मुस्लिम सेना रणक्षेत्र छोड़कर भाग खड़ी हुई और पंचायती सेना विजयी हुई।

इसी खिलजी ने बाद में नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाया था अगर ये कायर इस दिन नही भागता तो इसका काम तमाम हो जाता और शायद नालन्दा विश्वविद्यालय आज हमारे सामने होता।

जय हिंदुत्व।जय जाटवाड़ा।जय भारत

4 comments:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद देश के सच्चे सपूतों का इतिहास सामने लाने के लिये।

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  2. जय जाट पूरक 🙏💪

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  3. Jai JAT pride ⚔️🛡️⚔️🥷

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  4. Dil te dhanyawad bhai aapka 🔥🔥

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