Wednesday 20 June 2018

1857 के सिरमौर दो वीर जाट क्षत्रिय राजा

1857 के हीरो- शहीद राजा नाहर सिंह- शहीद राजा अमानी सिंह-


जाट राजा
1857 की क्रांति

राजा नाहर सिंह- बल्लभगढ(हरियाणा) के राजा।
-ये एकमात्र ऐसे राजा थे जो 1857 कि क्रांति में अपनी रियासत सुरक्षित होते हुए भी अंग्रेजो से लड़े।
इन्होंने दिल्ली को लगभग 132 दिनों तक आजाद रखा,क्रांतिकारियों की मदद की, अंग्रेजो को युद्ध मे हराया व उन्हें काटा।अंत मे धोखे से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया व 9 जनवरी 1858 को इन्हें दिल्ली के चांदनी चौक पर फांसी हुई।

राजा अमानी सिंह- इग्लास_अलीगढ़(उत्तर प्रदेश) के राजा।
- ये दोनों हाथों से तलवार चलाना जानते थे।
इन्होंने अंग्रेजो को युद्ध मे हराया व अपनी मातृभूमि की रक्षा की, इनकी घोड़ी भी देशभक्त थी और घोड़ी ने भी अंग्रेजो को टापों से कुचला जिसके कारण  कहावत प्रचलित हुई के अमानी तो अमानी पर घोड़ी ने भी हूँ न मानी।दूसरे युद्ध मे बारिश के कारण बंदूकें काम नहीं कर पाई जिसके कारण सैंकड़ो जाट वीर लड़ते हुए शहीद हुए और धोखे से गिरफ्तार कर लिए गए व इन्हें फांसी दी गयी।

दोनों वीरों को कोटि कोटि नमन।

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