देश का सबसे कट्टर हिन्दू शासक-महाराजा जवाहर सिंह
महाराजा जवाहर सिंह महाराजा सूरजमल के बेटे थे।भगवान लक्ष्मण उनके कुलदेव हैं और भगवान श्री कृष्ण के वे वंशज थे।बजरंग बली के बहुत बड़े भक्त थे।
महाराजा जवाहर सिंह ने आगरा की जामा मस्जिद को खाली करवाकर मंडी खुलवा दी थी व घोड़ो का तबेला बना दिया था।
बचपन में ही जब दिल्ली के वजीर ने उनका हाथ चुमा तो उन्होंने भरे दरबार मे फटकार लगा दी थी के हमारा हाथ छूकर अपवित्र क्यों किया।
उन्होंने अब्दाली से भी टक्कर ली थी व अपने पिता के साथ लगभग युद्धों में वीरता दिखलाते थे।
उन्होंने ऊंची आवाज में अजान देने पर एक मौलवी की जीभ कटवा दी थी।और ऊंची आवाज में अजान देने पर प्रतिबंध लगवा दिया था।
उन्होंने दिल्ली को मुगलो से आजाद कराने के लिए भी पूरी कोशिश की थी पर कुछ गद्दारो के कारण जीत के बावजूद सन्धि करनी पड़ी थी।
इस दौरान वे दिल्ली से चितौड़ के अष्टधातु किवाड़ वापिस भरतपुर जीत लाये थे जो खिलजी उनसे 462 साल पहले चितौड़ से जीतकर ले गया था।
ईरानी मूल की एक गन्ना बेगम उन पर बहुत मरती थी।
लेकिन गन्ना का प्रेम सिरे न चढ़ सका और गन्ना ने सारी उम्र जवाहर के प्रेम में फ़नाह कर दी थी।
उन्होंने पुष्कर के धार्मिक स्नान को हर हिन्दू के लिए खुलवा दिया था व वहां लगी शाही पाबंदी हटवा दी थी।
उन्होंने मेवात क्षेत्र में धर्म वापसी करवाकर धर्म बढ़ाने के लिए भी बहुत कार्य किया था।
आगरा में अपने किले में एक उत्सव के दौरान वे सीढ़ियों से निहत्थे उतर रहे थे तो पीछे से किसी सुजात मेव नाम के मुस्लिम ने उन पर जहरीले चाकू से हमला किया जिस कारण उनकी मृत्यु हो गयी थी।उस मेव को उसी समय सैनिको ने मार दिया। शायद वह मेवात में मुस्लिमो को हिन्दू बनाये जाने से नाराज था।
7 अगस्त को हर साल उनकी पुण्यतिथि पर बलिदान दिवस मनाया जाता है।
जबरो जाट जवाहर सिंह
सूरजमल रो जायो हो
लाल किले रो फाटक तोड़यो
लोहागढ़ पहुंचायो हो
मुगल बेगमा रे महला म्ह
गाढो ही फुस भरायो रे बेली,
हर हर बम बम बोलो रे बेली
जय जवाहर जय बजरंगी।
जय सूरजमल जय भवानी।
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महाराजा जवाहर सिंह |
महाराजा जवाहर सिंह महाराजा सूरजमल के बेटे थे।भगवान लक्ष्मण उनके कुलदेव हैं और भगवान श्री कृष्ण के वे वंशज थे।बजरंग बली के बहुत बड़े भक्त थे।
महाराजा जवाहर सिंह ने आगरा की जामा मस्जिद को खाली करवाकर मंडी खुलवा दी थी व घोड़ो का तबेला बना दिया था।
बचपन में ही जब दिल्ली के वजीर ने उनका हाथ चुमा तो उन्होंने भरे दरबार मे फटकार लगा दी थी के हमारा हाथ छूकर अपवित्र क्यों किया।
उन्होंने अब्दाली से भी टक्कर ली थी व अपने पिता के साथ लगभग युद्धों में वीरता दिखलाते थे।
उन्होंने ऊंची आवाज में अजान देने पर एक मौलवी की जीभ कटवा दी थी।और ऊंची आवाज में अजान देने पर प्रतिबंध लगवा दिया था।
उन्होंने दिल्ली को मुगलो से आजाद कराने के लिए भी पूरी कोशिश की थी पर कुछ गद्दारो के कारण जीत के बावजूद सन्धि करनी पड़ी थी।
इस दौरान वे दिल्ली से चितौड़ के अष्टधातु किवाड़ वापिस भरतपुर जीत लाये थे जो खिलजी उनसे 462 साल पहले चितौड़ से जीतकर ले गया था।
ईरानी मूल की एक गन्ना बेगम उन पर बहुत मरती थी।
लेकिन गन्ना का प्रेम सिरे न चढ़ सका और गन्ना ने सारी उम्र जवाहर के प्रेम में फ़नाह कर दी थी।
उन्होंने पुष्कर के धार्मिक स्नान को हर हिन्दू के लिए खुलवा दिया था व वहां लगी शाही पाबंदी हटवा दी थी।
उन्होंने मेवात क्षेत्र में धर्म वापसी करवाकर धर्म बढ़ाने के लिए भी बहुत कार्य किया था।
आगरा में अपने किले में एक उत्सव के दौरान वे सीढ़ियों से निहत्थे उतर रहे थे तो पीछे से किसी सुजात मेव नाम के मुस्लिम ने उन पर जहरीले चाकू से हमला किया जिस कारण उनकी मृत्यु हो गयी थी।उस मेव को उसी समय सैनिको ने मार दिया। शायद वह मेवात में मुस्लिमो को हिन्दू बनाये जाने से नाराज था।
7 अगस्त को हर साल उनकी पुण्यतिथि पर बलिदान दिवस मनाया जाता है।
जबरो जाट जवाहर सिंह
सूरजमल रो जायो हो
लाल किले रो फाटक तोड़यो
लोहागढ़ पहुंचायो हो
मुगल बेगमा रे महला म्ह
गाढो ही फुस भरायो रे बेली,
हर हर बम बम बोलो रे बेली
जय जवाहर जय बजरंगी।
जय सूरजमल जय भवानी।
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